Teri Baaton Mein Aisa Uljha Jiya Review in Hindi | तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया रिव्यू हिंदी में

एक इंसान का मशीन से प्यार कर लेना, कोई नया सब्जेक्ट नहीं है। उसमें कमियां नहीं होती, वो आपकी सारे बातें सुनती है, वो आपको जज नहीं करती, सपोर्टिव रहती है।


जहां इस चीज को अमित जोशी और आराधना शाह ने इस बार एक फन रोमांटिक कॉमेडी जानरा में ढालने की कोशिश की है, जो कि काफी फ्लैट और फीका निकला। जिसको अगर एड्रेस करते हुए, इसकी सिंपल सी कहानी के बारे में जाने 






Aryan Will Get Married | आर्यन की शादी होगी 

तो शाहिद कपूर का किरदार आर्यन, एक बहुत ही अच्छा रोबोटिक्स का इंजीनियर है, जिसकी बड़ी सी फैमिली भी है। घर वाले शादी कराने के लिए पीछे पड़े हुए हैं, और उसी से फुर्सत लेने के लिए वो अमेरिका, अपनी मांसी के पास चला जाता है, उनके बुलाने पे, क्योंकि उनका भी काम रोबोटिक्स वाला ही है, और वो आर्यन को बेटर समझ भी पाती है।


जहां अमेरिका आते ही, उसकी मुलाकात सिफरा से होती है, जो कि डिप्लॉयडी एज अ टेस्ट एक्सपेरिमेंट के तौर पे, कि बेटर इंफॉर्मेशन के साथ क्या बेटर परफॉर्म कर पाती है, बेटर बंड कर पाती है इंसानों से। जहां सिफरा को आर्यन के बारे में ज्यादा पता चलने के कारण, आर्यन उससे इंप्रेस हो जाता है, कि अब बस हो गया, दुनिया में यही बनेगी मेरे बच्चों की मां।


लेकिन बाद में उसे पता चलता है, कि मासी ने उसका भाई, वो उसके टेस्ट ले रही थी, एंड ये एक रोबोट निकलती है। एंड मूवी का सेकंड हाफ, उसी जद्दोजहद में लगा रहता है, कि सिफरा अपनी टिपिकल इंडियन फैमिली के साथ कैसे बंड करेगी, वो भी बिना बताए, कि वो एक रोबोट नहीं है, जिसके पीछे आर्यन भी उससे शादी करने के लिए लगा हुआ है।




Some Changes in Sifra | सिफरा मे कुछ बदलाव 

जहां हर रोबोट वाली मूवी में, क्या होता है, एंड के क्लाइमैक्स में, मैल फंक्शन हो जाता है, थोड़ा सा इवल वाली क्वालिटीज भी आ जाती हैं, जिसकी वजह से बहुत बड़ा ओस होता है, एंड अपने हीरो को वो कदम उठाने पड़ते हैं, जिससे उसकी पूरी दुनिया पलट जाती है।


इस तरह की जो भी मूवीज आती हैं, वो अपने ह्यूमैनिटी के ऊपर, एक काफी ह्यूमन टेक लेने की कोशिश करती हैं, वो ड्रामा बेसिक ह्यूमन इमोशंस को, आप सुन रहे हो, मगर समझ नहीं पा रहे हो, उसकी पूरी जद्दोजहद आपको काफी हिट करनी चाहिए, और ऐसी कुछ मूवीज में हिट भी करती हैं, कि कुछ भी कर लो, बनी तुम इंसान तो नहीं ना हो।


जिसमें ओवरऑल एक पूरा सेटिंग फील होगा, कि लवर रंजन वाला चाम, ये निकालने की कोशिश कर रहे हैं, हां पे, जिस तरीके से फैमिली कन्वर्सेशन होती है, वो आपस में जैसे बंड कर रहे होते हैं, लेकिन वो काफी ट्राई हार्ड और काफी चीकी विटी होता चल जाता है, जो आपको पूरा इंप्रेस नहीं कर पाता, जैसे लवर रंजन की कहानियां कर पाती है।


इवन इन्होंने वो धर्मा रिच वाला बैक ड्रॉप तो उठा लिया, मगर उस अच्छे मकान को वो घर ना बना ना पाए, क्योंकि हम फैमिली के साथ ही चीकी और विटी हो पाते हैं, लेकिन वो फील नहीं दे पाए, जिसपे से इसके आगे मूवी के सीजीआई एनवीएफ पे कोई दो राय नहीं है।




Sifra and Aryan Funny Moments | सिफरा और आर्यन केमजेदार मोमेंट्स 


अपने सुपरफिशियल क्वालिटी के साथ-साथ गुड एनफ बनी रहती है, कि मतलब काम चल जाता है, आपको ऐसा कुछ दुख नहीं होता देख के। यहां पे एक बात ये काफी अच्छी है, कि इसमें काफी इनसाइडर जोक्स हैं, जो कि क्योंकि काफी इंटरनल जोक्स हैं, कि जैसे कि सिफरा जब बोलती है ना, अपनी पहली रात करने के बाद कि ये मेरा आज पहली बार था, एंड आर्यन दो सेकंड का पॉज लेके सोचता है, और ऑकवर्ड स्माइल के साथ बोलता है, ठीक है।


तब वहां पे आपको हंसी आ जाती है, कि मतलब ओ पहली बार। लेकिन फर खैर, वो जज नहीं करता, जोकि अच्छी बात है। जहां पे मूवी में ऐसे कई सारे इंटरनल इनसाइडर जोक्स हैं। काफी मूवी स्पून फीड नहीं करती, और वो एंटरटेनिंग है, जैसे कि एक और सीन और आता है, तो वो मोमेंट काफी आपको एंटरटेन करता है, एंड ऐसे ही आगे पीछे और भी अच्छे ह्यूमर वाले मूवमेंट्स हैं, जो कि डिल्य जनली अगर आप देखोगे, तो आपको बहुत खुश कर देंगे, कि ओ भाई साहब।


मूवी के गाने अच्छे हैं, और इन गानों मैं कीर्ति सनन काफी खूबसूरत लगती है, किसी को प्यार क्यों ना हो जाए। इवन फ्रॉम अ रोमांटिक कॉमेडी पॉइंट ऑफ व्यू, मूवी काफी अंडर प्ले कर जाती है, इश्यूज इमोशंस को बहुत एड्रेस नहीं करती, अवॉइड करती है।


जहां वो एमिगस में तो काम कर जाती हैं, कुछ जगहों पे, मगर जब आपको वो हार्ड हेट करना चाहिए था, कि एक रोबोट और इंसान का होके, जो थॉट प्रवोकिंग रिश्ता है, थोड़ा ही सही, मगर एक्सप्लोर किया जा सकता था, कि तुम एक रोबोट ही रह जाओगे, जो सिर्फ ऑर्डर ले सकती है, जो सुन सकती है, मगर कभी समझ नहीं सकती।




Cipher Got an Update | सिफर को अपडेट मिल गया 


सिफरा की मेमोरी, आर्यन के लिए एम्टी हो जाती है, मूवी के एक सीन के दौरान में एक अपडेट के बाद। तो वो काफी क्लाइमैक्स वाला मोमेंट हो सकता था, जो कि ये इमोशंस उस इंसान से निकल के आ रहे हैं, जो कभी प्यार नहीं कर पा रहा था। और जब उसने किया, तो ये सारी चीजें हो रही हैं उसके साथ, कि प्यार तो तुझे एक बूंद सा भी नहीं किया था, मगर खोने का डर तुझे समंदर सा है। जो कि ये चीज क्लाइमैक्स में भी फील होती है, मगर उसका कुछ सिग्निफिकेंट वेट फील नहीं होता। जहां अंत में, चाहे कितनी भी परेशानियां क्यों ना आ जाए, चाहे वो कैसा भी रोबोट बिहेव क्यों ना करे, आप उससे प्यार करते हो और वो चीज थोड़ी सी दिखती है।


लेकिन वो जो सवाल उसके बाद जब आता है ना, वो उसको अवॉइड करके निकल जाते हैं, जो एक प्रॉपर मेलोड्रामा, एक ड्रामा वहां पे फील होना चाहिए। ये था जो कि इन तरीके की मूवीज में देखने को मिलता है, भले ही आप ना बताओ, वो 30 सेकंड का पॉज ही स्क्रीन पे देखकर आप फील कर पाते हो, वो वेट वहां पे फील होना चाहिए था, एंड में मगर हुआ नहीं। वो कट करके आगे निकल गए, अब ओवरऑल डेलूजनल होके भी, जान रहे थे कि मूवी कितनी शक्ति रखती है और कितनी इमेजिनरी फैंटेसी, ख्वाबों की दुनिया ये आपको दिखा रही है। ये मूवी तो पूरी प्योर मेल फैंटेसी है, रोबोट औरत जो तुम्हारी सारी बातें सुनती है, बिहेव करती है। क्योंकि वो चाहे आंखें कितनी भी खूबसूरत क्यों ना हो, आप उनमें कितना ही डूब क्यों ना जाओ, उनका कोई मतलब नहीं बनता।


जहां ये कोर बेसिक इमोशंस, दिल को चीर देने वाले सवाल किए जा सकते थे, उन्हें थोड़ा भी एड्रेस किया जा सकता था, जिसके आखिर में इन्होंने बस काट के अब्रप्टली पार्ट टू का हिंट दिया हुआ है।जरूरी सवाल को तो अवॉइड ही करते चले गए और अंत आते-आते आपको फील होता है कि यार सीधे मुद्दे की बात पे आओ ना, काफी लंबा हो रहा है क्योंकि ये कभी मुद्दे की बात की ही नहीं।

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