Aquaman and the Lost Kingdom Review in Hindi | एक्वामैन एंड द लॉस्ट किंगडम रिव्यू हिंदी में

आर्थर अटलांटिस का राजा होने के साथ-साथ अब एक बेटा, एक पति और एक अच्छा पिता होने की कोशिश कर रहा है। कहानी का मुख्य मोटिव यह है कि अब उसे एक अच्छा भाई बनने की कोशिश करनी है।

डेविड केन, अपना वही बाप का बदला लेने के चलते, फिल्म का एक बहुत बड़ा विलेन बनने की कोशिश करता है, लेकिन वह बन नहीं पाता है। और उसकी एक्वामैन को हराने के लिए और भी पावर की तलाश में उसे मिलता है ब्लैक ट्राइडेंट, जो कि बल बिलिंग करता है किंग एटल के बेनिश कर दिए गए भाई कोर्ड क्स को, जो कि अनडेड है और लॉस्ट किंगडम नेकर अस का राजा है।

कहानी में, टलन ने अपने भाई को जमा दिया था ताकि वह दुनिया को बर्बाद करके टेक ओवर नाना कर ले। लेकिन उसके कई सालों सालों बाद, जब मेंटा को कोर्ड क्स की टूटी हुई ट्राइडेंट मिली, तो वह उसे पोजेस करने लगी और खुद को आजाद करने के लिए इवल इवल चीजें उससे करवाती थी ताकि जब वह जाग सके तो दुनिया को बरबाद कर सके अगर एटल की रॉयल्टी में से किसी का खून उसे चढ़ाया जाए ताकि तब उसका जमा देने वाला श्राप उससे टूट पाएगा। जिसके लिए ब्लैक मेंटा कहानी में आर्थर के बेबी को सैक्रिफाइस करने चल पड़ता है। और उसके बीच में काफी अच्छा खासा एक्शन चलता है। यही है कहानी का ओवरऑल नैरेटिव।

 

 

 

 

Eyes Sparkle After Seeing Something Cool | कूल चीज को देखकर आंखें चमक उठे

 

पॉजिटिव्स की बात करें तो, सबसे पहले मैं इसकी विजुअल्स की बात करना चाहूंगा। मुझे बहुत अच्छे-कितने कमाल-कमाल के विजुअल्स हमें देखने को मिलते हैं। वो भाई जो आपके दिल में ऐसी फीलिंग क्रिएट कर देता है कि जैसे बचपन में किसी बहुत ही खूबसूरत और कूल चीज को देखकर आंखें नहीं चमक उठती थीं, वैसा फील होता है। आप खो जाते हो उसमें। और वो बहुत ही स्वीट सा एक्सपीरियंस था।

जिस तरीके से फिल्म की शुरुआत हुई थी, मुझे वो तरीका तो बहुत पसंद नहीं आया। लेकिन जब आर्थर अपनी लाइफ को रीकैप कर रहा होता है और अपनी बीवी के साथ, यानी कि मेरा के साथ, बड़ी इनोसेंट सी लाइफ बिता रहा होता है, तो वो सारा मूमेंट काफी कोजी कोजी सा लगा और मुझे बहुत अच्छा लगा। वो भाई चका चौट कर देने वाला एक्सपीरियंस था। वो फैंटास्टिकल क्रिचर्स, उन दुनियां का भाई जो भी डेंजर है, बहुत फन होते हैं।

जहां एक्शन भी हो रहा है, ह्यूमर भी है, और सबसे बड़ी बात स्टाइल है उनमें। स्टाइल तो मुझे बहुत इंप्रेस की। ये सारी चीजें रिदम में चल रही होती हैं, जिसको अगर आप थोड़ा सा फोकस करोगे, तो आपको रिलाइज होगा कि उन सारे कूल सीक्वेंसेस में एक लय है। जैसे कि रुसो ब्रदर्स अपने एक्शन सीक्वेंसेस प करते हैं। कि कोई गाना चल रहा हो, काफी कल लगता है, और बहुत एंजॉय करते हो आप। जिसकी वजह से रिवॉचेबल बहुत कमाल तरीके से बढ़ जाती है, क्योंकि ये एकदम डम नहीं है, बस गुड एनफ है।

 

 

Try to Treate an Environment | माहौल भी बनाने की कोशिश

 

लेकिन नेगेटिव्स की बात करें, तो मैं जन आउट हो रहा था मूवी में। क्योंकि स्टोरी वाइज इसमें सब्सटेंस वाइज बहुत कुछ है नहीं। जहां उन्होंने कई सारी किताबें खोल तो दी हैं कि जैसे कि पेरेंट, चिल्ड्रन, फैमिली, किंगडम, रिवेंज, सब कुछ है। जब बच्चे की सैक्रिफाइस करने वाली बात आती है, क्रेजी मूमेंट हो जाता है। आई मीन वो शॉक है, और बच्चों के लिए अपन के दिल में एक इंस्टेंट सा सॉफ्ट कॉर्नर तो होता ही है।

लेकिन फिर आपको दिखती है उन्हीं के दौरान में बैड पेरफोमानके क्योंकि तब आपको हैवी इमोशंस फील करने हैं और जब एक्टर अच्छा होगा तभी वो खिल के बाहर निकल पाएंगे। जहां पे अगर बात एंबर हर्ट की करें तो वैसे भी उसे बहुत ज्यादा फुटेज नहीं मिली है क्योंकि देख के लगता है कि हां बैलेंस है चीजें, मगर ओवरऑल एक मेन कैरेक्टर के तौर पे बात करें तो वो काफी साइड की साइड कैरेक्टर नजर आती है। आई मीन अपनी एक्वामैन की मां काफी मेन नजर आती है।

कहानी लगातार अपनी कमियों को कह लो या फिर लोस को एक्शन सेट पीसेज से भरी रखने की कोशिश करती है। जो कि ठीक भी है कि मतलब थोड़ी सी कमी हुई तो पैसे दे दिए आपको, वैसा वाला एक्सपीरियंस है। थोड़ा सा जेम्स बंड ने हॉरर का माहौल भी बनाने की कोशिश की है जैसा उन्होंने एक्वामैन वन में ट्रेंच के साथ की थी। वो बहुत ही कूल था। इस टाइम उन्होंने जंगल वाले सीन के साथ की है। शायद आपकी वो राइटिंग अच्छी ना हो, लेकिन अगर वो ड्रामा एक्सटेंड होता तो मे बी, जस्ट इन केस, मे बी आपको जो सारे जितने भी स्पेक्टेक दिखाने पड़े मूवी को इंप्रेस कराने के लिए, उसकी जगह वो इमोशनल इंपैक्ट पड़ सकता था लोगों पे और मूवी हैवी हो सकती थी और हम मूवी से एक अच्छी खास फीलिंग को घर ले जा सकते थे।

 

no depth is visible | गहरापन नजर नहीं आता

 

इसके अलावा, ब्लैक मंटा के किरदार में भी वो गहरापन नजर नहीं आता, जो उसे एक खतरनाक विलेन बना सके। उसका बदले की तलाश सिर्फ सतही स्तर पर ही दिखती है और उसके अतीत के दर्द को एक्सप्लोर नहीं किया जाता। कोर्डेक्स का किरदार भी काफी हद तक फ्लैट है और उसका अंत एंटी-क्लाइमेक्टिक लगता है। हालांकि, विजुअली ये सीन काफी शानदार है। जेसन मोमोआ अपने बेस्ट फॉर्म में हैं जब वह एक्शन कर रहे होते हैं या हंसी-मजाक कर रहे होते हैं, लेकिन जब गंभीर एक्टिंग की बात आती है तो थोड़ा कमजोर पड़ जाते हैं।

पैट्रिक विल्सन एक बार फिर ओशन मास्टर के रूप में शानदार हैं और उनकी कॉमिक टाइमिंग कमाल की है। दोनों के बीच के फाइट सीन हल्के-फुल्के होते हुए भी काफी एंटरटेनिंग हैं। हालांकि, फिल्म के कई अच्छे सीन्स कॉमेडी के जरिए कमजोर कर दिए जाते हैं। इमोशनल इंपैक्ट को बिल्ड करने के बजाय, कुछ ही सेकंड्स में उसे कॉमेडी में बदल दिया जाता है।

कुल मिलाकर, “एक्वामैन एंड द लॉस्ट किंगडम” एक मनोरंजक फिल्म है, लेकिन इसमें गहराई और भावनात्मक प्रभाव की कमी खलती है। यह एक ऐसी फिल्म है जिसे आप देखकर एंजॉय कर सकते हैं, लेकिन कुछ समय बाद भूल भी सकते हैं। यह एक पॉपकॉर्न एंटरटेनर है जो आपको विजुअल इफेक्ट्स और एक्शन सीक्वेंस से प्रभावित करेगा, लेकिन कहानी और किरदारों के मामले में यह थोड़ा कमजोर पड़ जाता है।

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